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प्रेम एक ऐसा शब्द ऐसा एक भाव जिसे सुनकर दिल दिमाग में सुकून की एक लहर का होना आम बात है। लेकिन कहा गया है ना प्रेम जितना करना आसान है उतना ही निभाना मुश्किल। आज www.merizindgi.in वेबसाइट के माध्यम से आप सब के लिये हम लाए हैं एक कविता। कविता के शीर्षक का नाम है “इबादते इश्क हिन्दी कविता“। (ibadat e ishq)
इस शीर्षक में ही कविता का भाव है कविता की पूरी कहानी – कविता की पूरी रचना है। इबादत ऐसा शब्द जो बहुत कुछ कहता है यह एक कविता ही नहीं उस हर प्रेमी प्रेमिका की दिल की आवाज है। जिनका बिछड़ना नसीब में हो या ना हो लेकिन किस्मत और कुछ मजबूरियां उन्हें अलग कर देती हैं।
इबादते इश्क हिन्दी कविता की भूमिका
इन्हीं सब कहानियां को मिलाकर एक कविता की माला में बुनकर आप सबके बीच इबादते इश्क हिन्दी कविता को हम लाए हैं. जिसके हर एक शब्द से जिसके हर एक लाइन से आपको प्रेम से जुड़ी हर एक तकलीफ को आपके सामने दिखेगी. आप हर एक शब्द से, आपको प्रेम से जुड़ी हर एक तकलीफ की हर एक पहलू दिखेगा। जिसके कल्पना मात्र से दिल बैठ जाता है । introduction to ibadat e ishq hindi kavita.
अलग होना प्रेम में आसान है प्रेम करना भी आसान है, लेकिन प्रेम में अलग होकर जीना या किसी की याद को भूलकर जीना उतना ही मुश्किल अचानक हमारे प्रेमी प्रेमिका में बदलाव आ जाना. उनका हमें समय ना देना हमें ना समझना इन्हीं सब कहानियां को मिलाकर हम आपके बीच एक कविता लाए हैं.
Ibadat e Ishq Hindi Kavita by Meri Zindgi
कविता की हर एक पंक्तियों से आपको प्रेम से जुड़ी हर एक बात का पता चल सकता है. कहा गया है ना एक बार तेरा दीदार हो जाए एक बार तू कहीं से दिख जाए तो जीने का एक जरिया मिल जाए। तो चलिए शुरू करते हैं कविता को अगर कविता आपको पसंद आती है तो इसे शेयर करना ना भूले।
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पढिये इबादते इश्क हिन्दी कविता
मुझे सिखा दे इबादत उस खुदा की जिसे तू पुजता है,
दुआ मेंरी भी कूबूल हो जाए उसकी मजार पे,
जिसके सजदे में तेरा ये सर झुकता है
सुबह शाम और हर वक्त की नमाज पे।
क्या झूठ क्या सच्चा,
माना मैंने तुझे उसे खुदा से भी अच्छा,
मगर अफसोस मेरे मोहब्बत के,
हर फसाने हर वादे रह गया कच्चा ।
बता मेरी भी खताएं ,
आंसुओं में सिमटी रह गई मेरी भी आशाएँ ,
ख्वाब मेरे जो बिन मुकम्मल ही टूटे,
मेरे नादानियो को छेड़कर कौन अब हसाएँ
पलकों में छुप गई आंसुओं की धार,
खलिस बन गई वे वक्त की ये याद,
तन्हाइयों के दामन में सुकून कहां से लाए,
मानता नहीं ये दिल किसी को अपना अब तेरे बाद ।
टूटा हुआ मंजर लगता है मेरे ख्वाबों का,
बिखरा हुआ है सब कुछ जाने किस जमाने का,
मुश्किल हुआ समेटना सब,
कैसे सहे गम ये दिल तेरे जाने का।
बदला बदला लगता है तू अब,
जाने किस दे आए मेरा वो हक,
कह दे मुझे एक बार तू छोड़ दूंगी।
तुझको मानना मैं अपना रब ।।
है नासूर बन गया,
तेरा मुझसे यूं दूर जाना,
चुभने लगे हैं तुझे हम और हमारी बातें,
बता रही है तेरा मुझसे यूं नज़रे चुराना ।
तेरा मुझसे यूं नजर चुराना ।।…
ibadat e ishq Hindi kavita is COMPOSED BY AJAY GUPTA
आइए इबादते इश्क हिन्दी कविता को विस्तार से समझते हैं
सबसे पहले यह कविता एक व्यक्ति के दिल की गहरी पीड़ा और उसके प्रेमी/प्रेमिका के प्रति उसके जज़्बातों का इज़हार करती है। इसमें वह व्यक्ति अपने प्रेमी/प्रेमिका से बहुत गहरे भावनात्मक जुड़ाव की बात कर रहा है। साथ ही इसके साथ जो दिल टूटने और मोहब्बत में धोखा खा जाने की पीड़ा है, उसे व्यक्त करता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
- प्रारंभिक सतरें: कविता की शुरुआत एक व्यक्ति के दिल की गहराई से होती है, जहाँ वह अपने प्रेमी/प्रेमिका से कहता है कि उसे उस खुदा की इबादत सिखा दे, जिसे वह खुद पुजता है।
- यहां “खुदा” का इस्तेमाल अलौकिक प्रेम के प्रतीक के रूप में हुआ है, जो उसकी श्रद्धा और विश्वास का संकेत है। यह पंक्तियाँ यह दर्शाती हैं कि वह व्यक्ति उस प्यार में इतना खो चुका है कि वह उसे ईश्वर के बराबर मानता है। दुआ में उसकी भी क़ुबूलियत की उम्मीद जताई जाती है।
- झूठ और सच्चाई: अगली पंक्तियों में वह व्यक्ति यह स्वीकार करता है कि उसने अपने प्रेमी/प्रेमिका को खुदा से भी बड़ा और अच्छा माना, लेकिन वह खुद को धोखा महसूस करता है। यह उसकी निराशा और दुख को दर्शाता है, क्योंकि हर वादा, हर फसाना अधूरा और कच्चा रह गया है।
- निराशाएँ और आंसू: इस हिस्से में वह अपने खोए हुए सपनों और आशाओं का जिक्र करता है, जो कि आंसुओं में सिमट गई हैं। उसकी उम्मीदें पूरी नहीं हो पाईं और उसके ख्वाब टूट गए हैं। वह दुखी है कि उसकी नादानी के कारण उसे अब कोई खुश नहीं कर सकता। उसकी आँखों में सिर्फ आंसू हैं और दिल में अधूरे सपने। emotional ibadat e ishq hindi kavita
इबादते इश्क हिन्दी कविता – Ibadat e Ishq Hindi Poem
- अकेलापन और दर्द: अब वह व्यक्ति अपनी तन्हाइयों की गहराई में खोकर महसूस करता है कि अब उसके दिल में किसी के लिए कोई जगह नहीं है। खासकर अपने प्रेमी/प्रेमिका के बाद। यहाँ वह अकेलापन और ग़म के बीच संघर्ष को महसूस करता है, और इसे एक दर्दनाक स्थिति के रूप में प्रस्तुत करता है।
- टूटे हुए ख्वाब और दर्द: अब वह टूटे हुए ख्वाबों की और अपने दिल की गहरी पीड़ा की बात करता है। वह अपने दिल के टूटने और खोने के बाद अपनी भावनाओं को समेटने में असमर्थ महसूस करता है। उसे यह भी लगता है कि वह अब अपने ग़म को सहन नहीं कर सकता।
- बदला हुआ व्यक्ति और दुरी: बाद में वह कहता है कि अब वह व्यक्ति जो पहले उसके पास था, वह बदला हुआ लगता है। उसकी आँखों में अब वही प्यार नहीं है, जो पहले हुआ करता था। अब वह नज़रें चुराने लगा है। जैसे कि वह अब उसकी भावनाओं से दूर हो गया है। यह दर्शाता है कि प्यार में धोखा और अविश्वास उसके दिल को बहुत चोट पहुँचाता है।
निष्कर्ष:
कविता में पूरी तरह से एक व्यक्ति की गहरी निराशा, दर्द और मोहब्बत के टूटने का एहसास है। उसकी उम्मीदें और ख्वाब चुराए गए हैं, और अब उसे अपने टूटे हुए रिश्ते और जज़्बातों को समेटने में कठिनाई हो रही है। इसिलिये यह कविता दिल की गहरी भावनाओं और दर्द को व्यक्त करती है जो टूटे रिश्तों और मोहब्बत के बाद के असमर्थता और अफसोस को दर्शाती है।
Use this for reference: Psychology Today’s article on heartbreak.
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