Mera Sasural Hindi Kavita: इस कविता के माध्यम से एक महिला की अद्वितीय और साहसी यात्रा को जानने का एक सुंदर अवसर है। इसमें ससुराल और परिवार के रिश्तों के महत्व को और नए जीवन के रंग को अनुभव किया गया है। इस कविता की गहराईयों में छिपी भावनाओं और अनुभवों को समझने के लिए आप अवश्य पढ़ें। यह एक साहसी महिला की कहानी है जो अपने सपनों का पीछा करती है और अपने जीवन को नई दिशा में ले जाने के लिए समर्थ होती है। इस कविता को पढ़कर आपको उसकी साहसी और प्रेरणास्पद यात्रा का समर्थन मिलेगा, और आप भी उसके संघर्ष, खुशियाँ, और सफलता के साथ जुड़ सकेंगे। इस कविता का सुंदर संदेश है कि हर किसी के जीवन में एक नई शुरुआत हो सकती है और हम सभी कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता रखते हैं।
Table of contents
मेरा ससुराल हिंदी कविता: एक महिला की विवाह के बाद की अनुभवों की कविता
पापा की गुड़िया बहू बनकर आई,
मायके की यादें सब छोड़ कर आई |
ससुराल की रिश्ते की कड़ियां
बन न जाए कहीं मेरे लिए बेडिया,
छोड़ कर जिसके लिए आई ,
खूबसूरत सा वो संसार ,
बिखर न जाए कहीं मेरा परिवार |
आंचल में बांध कर आई,
जो मम्मी की सीख,
रानी होगी तू ससुराल की अपनी,
मां पापा बोले थे आप सब झूठ |
सब कुछ यहां अजीब है|
कुछ नहीं करीब है,
आपने सजाया जो सपना था ,
चूर-चूर हो गया मेरा नसीब है |
बचपन की वो गुड्डे गुड़ियों का खेल ,
जिंदगी का हर रंग हो गया वेमेल,
ससुराल मायका दोनों पराया ,
ईश्वर की कैसी है यह देन |
टूट गया जो मेरा रिश्ता ,
दर्द भरी है ये कहानी किस्सा |
सजी डोली मैं बैठकर आई ,
ससुराल की है यही दास्ता ,
कैसा है या मेरा ससुराल |
बन न पाया कोई मेरा रिश्तेदार,
किससे कहूं अपनी दिल की बात ,
छुट गया अब बाबुल का द्वार ||
Mera Sasural Hindi Kavita Explanation (भावार्थ)
इस मेरा ससुराल हिंदी कविता में एक महिला के विवाह के बाद के जीवन की एक गहरी और भावनाओं से भरी कहानी है, जिसमें वह अपने मायके से ससुराल आने के बाद के अनुभवों को साझा कर रही है।
“पापा की गुड़िया बहू बनकर आई,
मायके की यादें सब छोड़ कर आई |“
यह पंक्तियाँ उसकी बचपन की सुनहरी यादों को और मायके के सुख-दुख को याद दिलाती हैं।
“ससुराल की रिश्ते की कड़ियां
बन न जाए कहीं मेरे लिए बेडिया,
छोड़ कर जिसके लिए आई ,
खूबसूरत सा वो संसार ,
बिखर न जाए कहीं मेरा परिवार |
आंचल में बांध कर आई,“
इन पंक्तियों में वह अपने नए घर और उसके संघर्ष के बारे में बताती है, और यह दिखाती है कि वह अपने परिवार को छोड़कर भी उसके लिए एक नया जीवन बसाने की तैयारी कर रही है।
“जो मम्मी की सीख,
रानी होगी तू ससुराल की अपनी,
मां पापा बोले थे आप सब झूठ |
सब कुछ यहां अजीब है|
कुछ नहीं करीब है,
आपने सजाया जो सपना था ,
चूर-चूर हो गया मेरा नसीब है |“
Exclusive! Hindi Poem on Sasural by Meri Zindgi Explanation
ये पंक्तियाँ उसके ससुराल में होने वाले परिवार और रिश्तों के अद्वितीय अनुभवों को और उसके संघर्ष को बयां करती हैं, और यह दिखाती है कि वह अपने जीवन के इस नए चरण को स्वागत करने के लिए समर्थ हो रही है, यदि भी यह सब अजीब और कठिन हो।
“बचपन की वो गुड्डे गुड़ियों का खेल ,
जिंदगी का हर रंग हो गया वेमेल,
ससुराल मायका दोनों पराया ,
ईश्वर की कैसी है यह देन |
टूट गया जो मेरा रिश्ता ,
दर्द भरी है ये कहानी किस्सा |
सजी डोली मैं बैठकर आई ,
ससुराल की है यही दास्ता ,
कैसा है या मेरा ससुराल |
बन न पाया कोई मेरा रिश्तेदार,
किससे कहूं अपनी दिल की बात ,
छुट गया अब बाबुल का द्वार ||“
इन पंक्तियों में वह अपने टूटे हुए रिश्ते की गहराईयों में डूबी हुई है, और इस दुखभरी कहानी के माध्यम से वह अपने दर्द को साझा कर रही है। वह अपने ससुराल के बारे में भी सोच रही है, जिसमें वह अब अकेली है और उसका अधिकारी परिवार नहीं है। इसके बावजूद, वह अपने नए ससुराल के साथ अपनी दास्तान का आगाज कर रही है, जहां उसका स्वागत है, लेकिन रिश्तेदार नहीं हैं।
Final Thought on Mera Sasural Hindi Kavita (मेरा ससुराल हिंदी कविता)
इस कविता में एक महिला की अद्वितीय यात्रा को दर्शाने वाले विचारों और भावनाओं को व्यक्ति किया गया है, और यह पाठकों को उसकी कहानी में संघर्ष, प्रेम, और साहस की गहराइयों को समझने का मौका देता है।
यह कविता एक महिला के विवाह के बाद के जीवन की दास्तान को बयां करती है, जिसमें वह अपने मायके से ससुराल आने के बाद की अनुभवों को साझा कर रही है। कविता में वह उस सफर की रूपरेखा प्रस्तुत करती है, जिसमें ससुराल के रिश्तों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और उसके मायके की यादों का साथ भी होता है।
कविता में उसके संघर्ष का भी वर्णन किया गया है, जो ससुराल के रिश्तों और नए संजीवन में अपने परिवार को छोड़ने के साथ आता है। वह अपने जीवन के इस नए चरण में अपने आप को पुनर्निर्माण करने के लिए साहसी बनती है, और इसका सामर्थ्यकरण करती है।
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मेरा ससुराल हिंदी कविता (Mera Sasural Hindi Kavita) में प्रेम, खुशियाँ, और दुख के अवसरों का सुंदर विवरण है, और यह दिखाता है कि विवाह के बाद का जीवन भी अद्वितीय होता है। इसके साथ ही, कविता में महिला के सशक्तिकरण की भी महत्वपूर्ण बात की गई है, जो उसे अपने सपनों को हासिल करने के लिए कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देता है।
इस कविता के माध्यम से, लेखिका ने ससुराल और परिवार के रिश्तों के महत्व को और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को सुंदरता से प्रस्तुत किया है, और यह एक महिला की साहसी और साहसी यात्रा की महत्वपूर्ण कथा है।
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