इस बिटिया रानी हिंदी कविता के माध्यम से हम देख सकते हैं कि बेटियाँ कैसे परिवार के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे न केवल परिवार के सदस्य होती हैं, बल्कि उनका संचित ज्ञान और समर्पण ही एक समाज के आधार को मजबूती देते हैं, जो समृद्धि और सामाजिक समानता की दिशा में आगे बढ़ सकता है। इसलिए हमें बेटियों को उनके सपनों को पूरा करने का मौका प्रदान करना चाहिए और उन्हें स्वतंत्रता और समर्पण के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देनी चाहिए। Bitiya Rani Hindi Kavita को आप पूरा जरूर पढ़ें।

आपको बता दें कि कविता का भावार्थ भी लिखा हुआ है।

Bitiya Rani Hindi Kavita
बिटिया रानी हिंदी कविता

नाज़ो से पली
पापा की बगिया की हूं मैं कली,
सपनों सा सजीला मेरा एक संसार
मम्मी-पापा भैया और बहनों से प्यार,

टूटे ना बंधन कभी छूटे ना अपने कभी
हंसी खुशी ठिठोली और से भरा पूरा परिवार था |

मम्मी के आंचल में पूरा जग संसार था
बेटी थी अपनी मां की
बहू बन गई ससुराल में जाके,
रिश्ते नाते बदले मेरे बदल गया परिवार है |

बचपन जहां बीता सारा मायका कहलाया वह मेरा
छोटी-छोटी बात पर हठ करना बात बात पर ,
भैया से लड़ाई बहनों से जुदाई
सुनी ना रह जाए मेरे बगैर छोटे भाई की कलाई ,

घर मेरा बदला बदल गई मेरी पहचान ,
ससुराल ने न दिया मान मुझे पापा सब लगते हैं अनजान ,
पलकों पर बिठाया या अआपने जिस बेटी को
ससुराल ने सताया क्यों बेटी को ,

अधिकार ना रहा मायके को अब घर कहूं
पापा समझ नहीं आता किसे अपना दर्द कहूं |

बेटी को बेटी रहने दो दुनिया वालों
हमें भी अपनी जिंदगी जीने दो ,
बेटी है तो हमने क्या पाप किया है
हमें भी तो जन्म मां-बाप ने दिया है ||

Written by GEET.

Bitiya Rani Hindi Kavita: एक परिवार की आशा और सपना (बिटिया रानी हिंदी कविता)

जब हम बात करते हैं एक परिवार के महत्वपूर्ण अंग की, तो वह बेटियाँ होती हैं। यही वह शक्ति है जो परिवार को एक साथ बाँधती है, उनका प्यार और समर्पण ही परिवार की मजबूती का सूत्र होता है। यहाँ एक कविता के माध्यम से हम देखते हैं कि बेटियाँ कैसे परिवार की दुलारी होती हैं और उनके साथ होने से परिवार में कितनी खुशियाँ आती हैं।

नाज़ों से पली, पापा की बगिया की हूँ मैं कली,
सपनों सा सजीव मेरा एक छोटा सा जगह,
मम्मी-पापा, भैया और बहनों का प्यार।

हर बेटी अपने परिवार की राजकुमारी होती है। उसके आँचल में बिताए गए पल, उसके सपने और आशाएं ही उसकी जिन्दगी होती हैं। उसके माता-पिता, भाइयों और बहनों का प्यार उसकी मजबूती का स्रोत होता है, जिससे वह आत्मविश्वास से भरपूर बनती है।

टूटे ना बंधन कभी, छूटे ना कभी कोई साथ,
हंसी, खुशी, ठिठोली से भरा पूरा परिवार।

बेटियों के आने से परिवार में एक खास माहौल बनता है, जिसमें सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ हंसते-खेलते हैं। उनके आने से ही परिवार में बंधन और रिश्तों की महत्वपूर्णता बढ़ जाती है। उनकी मुस्कान, उनकी खुशी ही परिवार की आखिरी होती है।

“बिटिया रानी” Poem in Hindi

मम्मी के आंचल में पूरी दुनिया समाई,
बेटी थी अपनी मां की, फिर बहू बनी ससुराल जाई।
रिश्तों का मतलब बदल गया, परिवार में अब अनजान।

जब एक बेटी मां की गोदी में होती है, तो उसके लिए पूरा जगह किसी आकार की नहीं होती। लेकिन समय के साथ, वह बड़ी होती है और एक नई जिन्दगी की शुरुआत करती है। वह अपने ससुराल में भी एक नई परिवार का हिस्सा बनती है और अपनी मां की आशिक्षा को अपने बच्चों के साथ जारी रखती है।

घर बदला, पहचान बदल गई,
पापा की आँखों में था दर्द छुपा।
ससुराल ने नहीं समझा मेरी आवाज़ को,
मान नहीं पाई उनकी ये आशिक्षा।

कई बार होता है कि बेटी को उसके ससुराल में समझाने की कोशिश की जाती है, लेकिन कभी-कभी यह समझने में समय लगता है। उसकी आवाज़ और विचारों को समझने की दिशा में ससुराल को भी वक्त चाहिए। लेकिन बेटी के दिल में छुपे दर्द को समझने की कोशिश सबसे महत्वपूर्ण होती है।

बेटी हूँ मैं, बेटी ही रहने दो,
अपने सपनों को पूरा करने की दो मुझे इजाज़त।
हम भी तो जन्मे बचपन में आए हैं,
मां-बाप की आँखों में हमें बिताया है।
बेटियाँ भी तो अपने माता-पिता की सपनों की पूरी करने की आशा लेकर आई हैं,
इसलिए हमें भी अपने मार्ग पर आगे बढ़ने दो।

इस बिटिया रानी हिंदी कविता के माध्यम से हम देखते हैं कि बेटियाँ कैसे परिवार के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे न केवल परिवार के साथी होती हैं, बल्कि वे एक समाज की आधार भी होती हैं जो समृद्धि और समानता की दिशा में आगे बढ़ सकता है। इसलिए हमें बेटियों को उनके सपनों को पूरा करने का मौका देना चाहिए और उन्हें स्वतंत्रता और समर्पण के साथ आगे बढ़ने की साहसिकता देनी चाहिए। तभी हमारा समाज सशक्त और समृद्ध हो सकता है।

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