Chhath Puja Hindi Kavita: भारतीय सांस्कृतिक कैलेंडर में छठ पूजा एक विशेष महत्वपूर्ण त्योहार है जो विशेषकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। महापर्व छठ पूजा पर हिन्दी कविता, यह पूजा सूर्य देवता की उपासना के लिए विशेष रूप से जानी जाती है और इसे छठी तिथि को मनाने का विशेष तरीका होता है।

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महापर्व छठ पूजा पर हिन्दी कविता – Chhath Puja Hindi Kavita

छठ पूजा का आयोजन विभिन्न विधाओं में किया जाता है, लेकिन एक विशेष परंपरागत पर्व की तरह, इसमें कई अनूठे तत्व होते हैं जो इसे अन्य पूजाओं से अलग बनाते हैं। छठ पूजा के दौरान महिलाएं और बच्चे अपनी श्रद्धाभावना और समर्पण के साथ सूर्य देवता की पूजा करते हैं।

पूरे त्योहार के दौरान लोग नदी या तालाबों के किनारे जाकर सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य देखते हैं और वहां पूजा करते हैं। इसके बाद, मिठा पान, दूध, और फलों का भंडार करके विशेष भोग को सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है।

छठ पूजा पर हिन्दी कविता By MeriZindgi

छठ पूजा का आयोजन समुद्र के किनारे भी किया जाता है, जहां लोग अपने व्रत को समाप्त करने के लिए समुद्र में चले जाते हैं। यहां भी उन्होंने अपनी पूजा और श्रद्धाभावना से सूर्य देवता की आराधना की होती है (Chhath Puja Hindi Kavita)।

महापर्व छठ पूजा पर हिन्दी कविता, छठ पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है सूर्य शाष्ठी व्रत, जिसमें माताएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए सूर्य देवता की कृपा के लिए प्रार्थना करती हैं।

इसके अलावा, छठ पूजा ने सामाजिक सजीव में एक अद्भुत एकता और सामंजस्य की भावना को बढ़ावा दिया है। इस त्योहार के दौरान लोग साझा भोजन करते हैं और एक दूसरे के साथ मिलजुलकर पूजा का आनंद लेते हैं।

छठ पूजा का आयोजन विशेष रूप से गाँवों में होता है, जहां लोग आपस में मिलजुलकर इसे धूमधाम से मनाते हैं। गाँव के तट पर, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय को देखकर लोग अपनी भक्ति और समर्पण के साथ सूर्य देवता की पूजा करते हैं और इससे उन्हें नया ऊर्जा मिलता है।

छठ पूजा वास्तविक रूप से एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्वपूर्ण त्योहार है जो लोगों को प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए प्रेरित करता है और उन्हें सूर्य की अनंत शक्ति के साथ जोड़ता है। इसे अपने अनूठे रूप और विशेष परंपराओं के लिए जाना जाता है, जो इसे एक अद्वितीय और अनमोल अनुभव बनाते हैं।

बिना किसी देरी, यहाँ है एक छठ पूजा पर कविता (Chhath Puja Hindi Kavita):

परवो का पर्व,
आ गया छठ का महापर्व ।
दशहरा और दिवाली के बाद ,
छठ है हमारा गर्व ।।

लोकगीतों से शुरू हुआ,
परंपराओं से जुड़ा हुआ ।
है त्यौहार यह अलौकिक,
मान्यताओं से घिरा हुआ ।

बड़ा अनोखा है इसका इतिहास,
छठ पर्व का जिन्होंने किया शुरुआत।
मंगल कार्य है ये,
विशेष महत्व इसे प्राप्त।

सूर्य की शक्तियों का स्रोत,
छठ पर्व का मुख्य उद्देश्य।
कामना पूरी हो जाती है,
मिली पांडवों को जुए में हारी राजपाट।।

नहाए खाए से शुरू हुआ,
चार दिवसियों का यह त्यौहार ।
36 घंटे का कठिन तपस्या,
व्रती करती है इसको नियमों अनुसार।।

मां सीता ने किया आरंभ,
द्रौपदी ने भी किया इसको शिरोधार ।
सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है यह व्रत,
निर्जल रहकर करते हैं छत को प्रारंभ।।

आशा है कि यह कविता आपको छठ पूजा के ऊँचे मौके पर समर्पित भावना को व्यक्त करने में मदद करेगी।

महापर्व छठ पूजा पर हिन्दी कविता – Hindi Poem on Chhath Puja

यह कविता छठ पूजा के अद्वितीय माहौल और महत्वपूर्ण समय को महसूस कराने का प्रयास है। यह कविता छठी मैया और सूर्य देवता की पूजा की भक्ति और समर्पण की भावना को उजागर करती है।

Firstly, पहले चारण में, कविता सूर्य के रथ पर आने वाली छठी मैया की आगमन की बात करती है, जिसमें प्रेम भरी आँखों में भक्ति और उम्मीद है। इसके बाद, गंगा के किनारे की सुंदरता को वर्णन करते हुए, कविता पूजा का महत्व बताती है और इसे मिलने वाली आनंदपूर्ण घड़ी के रूप में प्रस्तुत करती है।

दूसरे चारण में, Chhath Puja Hindi Kavita सूर्योदय और सूर्यास्त के समय की महत्वपूर्णता पर चर्चा करती हैजिसमें बच्चों की हंसी और सूर्य के साथ रचा गया प्यार वर्णित है। यहां, छठी मैया की ऊँचाई पर बच्चों की हंसी को संसार की सर्वोत्तम खोज माना गया है।

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तीसरे चारण में, कविता छठ पूजा के दौरान आयोजित किए जाने वाले व्रत और उपासना की महत्वपूर्णता को बताती है, जो गहरे भक्ति और समर्पण के साथ सूर्य देवता की पूजा करते हैं। इसमें सूर्योदय के समय को देखकर लोग अपनी भक्ति का अर्पण करते हैं और इससे नया ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

Lastly, चौथे चारण में, कविता छप्पन भोग और समृद्धि से भरी बैठकों का वर्णन करती है, जो छठी मैया की कृपा और भक्ति का उत्कृष्ट संगम हैं। इसके आलावा, छठी मैया की आशीर्वाद का इंतजार रहता है ताकि यह छठ पूजा हमेशा साथ रहे।

इस कविता के माध्यम से छठ पूजा के माहौल और उसके साथ जुड़े भक्तिभावना को व्यक्त करने का प्रयास किया गया है।

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